पंजाब कांग्रेस में मची कलह,नवजोत सिद्धू को बाहर करो

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पंजाब में कांग्रेस एक तरफ गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के साथ खींचतान में है तो वहीं अब अंतर्कलह भी शुरू हो गई है। नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों ‘जीतेगा पंजाब’ रैली का आयोजन किया था, जिसे लेकर अब रार शुरू हो गई है। प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू से अपील की है कि वे पार्टी के आधिकारिक कार्यक्रम करें। उससे अलग हटकर अपना ही मंच न सजाएं। वहीं कई अन्य नेता तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने सिद्धू के रैली करने को अनुशासनहीनता बताया है और पार्टी से अपील की है कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए। यह संघर्ष इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि रैली में सिद्धू ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी समेत पार्टी के ही कई नेताओं पर तंज कसा था।

अब कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर पार्टी नेतृत्व से अपील की है कि सिद्धू के बयानों ने विधानसभा चुनाव में भी नुकसान पहुंचाया था। जीरा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह जीरा ने कहा कि पार्टी के सामूहिक प्रयासों को नवजोत सिंह सिद्धू की हरकतें नुकसान पहुंचाती हैं। इसका यह प्रमाण है कि 2017 में 78 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस 2022 में महज 18 सीटों पर ही ठहर गई। पार्टी के ही एक नेता नवजोत सिंह दहिया ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू कभी भी टीम प्लेयर नहीं रहे हैं। उन्होंने हमेशा अपनी हरकतों से पार्टी में लोगों का मनोबल गिराया है।

इससे पहले प्रताप सिंह बाजवा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘मैं उनसे इतनी ही अपील करूंगा कि कुछ परिपक्वता दिखाएं। कांग्रेस ने यदि आपको इज्जत दी है तो उसे हजम करना भी सीखो। इस तरह के काम मत करिए। आप प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और आपके दौर में पार्टी 78 से 18 पर आ गई।’ बाजवा ने कहा कि हम तो सिद्धू को न्योता देते हैं कि वे पार्टी की ओर से आयोजित धरना-प्रदर्शन और कार्यक्रम में आएं। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को अपना अलग अखाड़ा नहीं जमाना चाहिए

‘हम प्रदर्शन कर रहे हैं- कुछ कहना है तो उसमें आएं सिद्धू’

उन्होंने कहा कि सिद्धू को सलाह देने वालों को भी यही समझाना चाहिए कि वे अलग अखाड़ा न जमाएं। बाजवा बोले, ‘मैं उनसे इतनी ही अपील करूंगा की पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रहें और कांग्रेस के मंच पर आएं। कांग्रेस अब जगरांव और फगवाड़ा में 21 और 22 तारीख को प्रदर्शन करने जा रही है। यदि आपको कुछ कहना ही है तो वहां आएं और अपने मन की बात कहें। इस तरह अपना अलग अखाड़ा लगाना तो अच्छी बात नहीं है।’

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