छावनी में तब्दील हुआ शंभू बॉर्डर, पुलिस फोर्स की 110 कंपनियां तैनात, पुलिस बोली- उपद्रव पर जवाब को तैयार

नई दिल्ली। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, एमएसपी पर गारंटी, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने जैसी कई मांगों को लेकर किसान फिर केंद्र सरकार से टकराव के मूड में हैं। केंद्र सरकार से दो बार की वार्ता विफल होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने मंगलवार को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। मंगलवार को पंजाब से दिल्ली की ओर कूच रहे किसानों का आंदोलन हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। पुलिस के साथ झड़प में अब तक सैकड़ों प्रदर्शनकारी और पुलिस घायल हो चुके हैं।

मंगलवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदलनोकारी किसान पुलिस से भिड़ गए। हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग और तारबाड़ के साथ नुकीले सीमेंटेट अवरोध हटाने पर पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की। इसके साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे। शंभू बॉर्डर पर हुए उपद्रव में डीएसपी आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के साथ कई किसान भी घायल हो गए। शंभू बॉर्डर पर जमे किसान आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे। हालांकि, उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पूरी व्यवस्था कर रखी है।

भगवंत मान बोले- हमारे किसानों पर लाठीचार्ज न करें, आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार न करें

किसान आंदोलन को लेकर राजनीति भी तेज हैं। इस बीच पंजाब सरकार ने एक बार फिर से भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पंजाब के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मान ने हरियाणा सरकार से भी अपील की कि वह पंजाब के किसानों पर लाठीचार्ज न करें और उन पर आंसू गैस के गोले व पानी की बौछार न करें। मान ने कहा कि आज पुलिस कार्रवाई में कई किसान घायल हुए हैं जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सभी अस्पतालों से घायल किसानों को बिना देरी मदद और इलाज मुहैया करवाने को कहा।

शंभू बॉर्डर पर 2500 ट्रैक्टर और ट्रॉलियां लेकर डटे हैं किसान
जानकारी के मुताबिक शंभू बॉर्डर पर करीब ढाई हजार ट्रैक्टर और ट्रॉलिया जमे हुए हैं। वहीं हरियाणा के मंत्री अनिल विज का कहना है कि जब सरकार खुद ही चंडीगढ़ आई है तो फिर किसान दिल्ली जाने पर क्यों अड़े हैं। उन्हें पीछे हट जाना चाहिए और बैठकर बात कर लें।

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शंभू बॉर्डर पर एक किलोमीटर पहले ही वाहनों को रोक दिया जा रहा है। यहां पैरामिलिट्री फोर्ट की 60 कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस की भी 50 कंपनियां तैनात हैं। आपको बता दें कि किसान आज लगातार दूसरे दिन दिल्ली कूच करने के लिए तैयार है।

सरकार बोली- नए मुद्दे आप जोड़ रहे हैं, वक्त तो लगेगा
केंद्र सरकार का कहना है कि किसान लगातार नए मुद्दे जोड़ रहे हैं। ऐसा करने पर समय तो लगेगा। तत्काल मसले का हल होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसान संगठन लगातार नए-नए मसले ला रहे हैं।

दिल्ली पुलिस बोली- किसान आक्रामक होंगे तो हम भी देंगे सख्त जवाब
किसान फिलहाल शंभू बॉर्डर पर ही रुके हुए हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस अभी से अलर्ट पर है। टिकरी बॉर्डर पर बुधवार को दिल्ली पुलिस ने ऐलान किया कि यदि किसान आंदोलन में आक्रामक होंगे तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे।

हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंद, पुलिस फोर्स में भी इजाफा
हरियाणा के 7 जिलों में किसान आंदोलन के मद्देनजर इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है। किसानों को शंभू बॉर्डर पर ही रोकने के लिए पुलिस बल में और इजाफा किया गया है। वहीं दूसरी तरफ अभी पंजाब की तरफ खड़े किसानों की संख्या भी बढ़ गई है।

आंदोलनों से पनपते हैं असामाजिक तत्व : खाप प्रमुख
गठवाला (मलिक) खाप के अध्यक्ष दादा बलजीत सिंह मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग पर किसानों आंदोलन का समर्थन किया। इसके साथ ही मंगलवार को दावा किया कि इस प्रकार के आंदोलनों में असामाजिक तत्व पनपते हैं, जो बाद में बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं। एमएसपी गारंटी कानून बनाने की किसान संगठनों की मांगों का समर्थन करते हुए मलिक ने कहा कि किसानों को अपनी मांगों के लिए सरकार से बातचीत के दौर को जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आंदोलनों में असामाजिक एवं अपराधिक तत्व घुस जाते हैं। मलिक ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में हरियाणा के नौजवानों का नाम आना इसका उदाहरण है और माना जा रहा है कि पिछले किसान आंदोलन के दौरान वे संपर्क में आए।