अलर्ट रहें महिलाएं कहीं ये वायरस ले न ले जान! रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली। वैज्ञानिकों का कहना है कि सामान्य वायरस से संक्रमित महिलाओं में दिल की बीमारी की संभावना चार गुना ज्यादा हो सकती है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) वायरस के एक बहुत ही सामान्य समूह का नाम है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है, क्योंकि यह आमतौर पर लक्षण पैदा नहीं करता है, लेकिन कुछ लोगों में वायरस की चपेट में आने के बाद रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर मस्से हो सकते हैं, जो 100 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के होते हैं।

सामान्य संक्रमण के कुछ हायर रिस्क वाले स्ट्रेन को सर्वाइकल कैंसर का कारण माना जाता है। पिछले रिसर्च में यह भी सुझाव दिया गया है कि एचपीवी आर्टरी में प्लाक नामक खतरनाक फैटी पदार्थ का निर्माण कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। यूरोपियन हार्ट जर्नल (European Heart Journal) में प्रकाशित एक स्टडी में दावा किया गया है कि एचपीवी के खतरनाक वाले स्ट्रेन से संक्रमित महिलाओं में हार्ट डिजीज (सीवीडी) से मरने का जोखिम चार गुना ज्यादा होता है। सीवीडी यूके में मृत्यु और विकलांगता के मुख्य कारणों में से एक है।

कोरिया के सियोल में सुंग क्यंकवान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Sungkyunkwan University School of Medicine) की रिसर्च टीम के अनुसार, एचपीवी संक्रमण और हार्ट डिजीज के बीच संबंध दिखाने वाला यह पहली स्टडी है। प्रमुख लेखक प्रोफेसर सेउन्घो रियू ने कहा कि दिल की बीमारी के लिए जोखिम फैक्टर- जैसे धूम्रपान, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल करने के बावजूद हार्ट अटैक से मौत का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। लगभग 20% ऐसे लोग होते हैं जिनमें ये समस्याएं नहीं होती हैं।

यह तब आया है जब एनएचएस प्रमुखों ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (Cervical Cancer) की दर को कम करने में मदद करने के लिए अपने किशोरों को एचपीवी के खिलाफ टीका लगाने का अनुरोध किया था। यह वैक्सीन 12 से 13 साल के स्कूली बच्चों और 25 साल से कम उम्र के किसी भी लोगों को दिया जाता है, जिन्हें स्कूल में टीका नहीं लगाया गया था, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल एचपीवी जैब कवरेज में गिरावट आई, 16.8% लड़कियों और 21.4 % लड़कों ने स्कूल वर्ष 10 के आखिर तक टीकाकरण नहीं कराया था।

रिसर्च में 163,250 युवा या मध्यम आयु वर्ग की कोरियाई महिलाओं का मूल्यांकन किया गया, जिनके पास स्टडी की शुरुआत में कोई दिल नहीं था। एचपीवी के 13 उच्च जोखिम वाले प्रकारों के लिए महिलाओं की जांच की गई और साढ़े आठ सालों में नियमित स्वास्थ्य जांच की गई। रिसर्चरों ने प्रतिभागियों के एचपीवी टेस्ट रिजल्ट के डेटा को हार्ट डिजीज और स्ट्रोक सहित दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों के नेशनल डेटा के साथ जोड़ा।

हालांकि,स्टडी में पाया कि हाई फैक्टर वाले एचपीवी वाली महिलाओं में दिल की बीमारी से मरने की संभावना उन महिलाओं के मुकाबले 3.74 गुना ज्यादा थी, जिसमें सामान्य वायरस नहीं था। उसमें आर्टरी के ब्लॉक होने की संभावना 3.91 गुना ज्यादा और स्ट्रोक से मरने की संभावना 5.86 गुना ज्यादा थी।

रिसर्चरों ने यह भी पाया कि जिन महिलाओं में एचपीवी संक्रमण था और वे मोटापे से ग्रस्त थीं, उनमें दिल की बीमारी का खतरा अभी भी ज्यादा था। लेखक प्रोफेसर हे सुक चेओंग (Professor Hee Suk Cheong) ने कहा कि हम जानते हैं कि सूजन दिल की बीमारी और वायरल संक्रमण सूजन को ट्रिगर करते हैं।

एचपीवी सर्वाइकल कैंसर से जुड़े होने के लिए जाना जाता है, लेकिन रिसर्च से पता चलने लगा है कि यह वायरस ब्लड फ्लो में भी पाया जा सकता है। ऐसा हो सकता है कि वायरस ब्लड वेसल्स में सूजन पैदा कर रहा है, आर्टरीज डैमेज कर रहा है और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा रहा है। ऐसे में दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए रोजाना हेल्थ चेकअप करना चाहिए और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए।

Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। हमारी ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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