आप विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर मंत्री आतिशी के घर पहुंची पुलिस, फिर ये हुआ

नई ‎दिल्ली। आप विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के चलते सीएम केजरीवाल के ऑफिस को नोटिस देने के बाद आज र‎विवार को दिल्ली पुलिस मंत्री आतिशी के घर पहुंची है। ले‎किन वह ‎दिना नो‎टिस ‎दिए ही लौट गई है। ‎मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने नो‎टिस में ‎लिखा ‎कि आपने जो आरोप लगाए हैं उनके सबूत दीजिए और जिन विधायको को रिश्वत की पेशकश की गई है उनके नाम बताइए।

गौरतलब है ‎कि विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का प्रयास करने संबंधी अरविंद केजरीवाल के दावे की जांच के सिलसिले में मुख्यमंत्री कार्यालय को नोटिस देने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम रविवार को मंत्री आतिशी के घर नोटिस देने पहुंची। इस दौरान आतिशी घर पर मौजूद नहीं मिली, जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम बिना नोटिस दिए ही वापस लौट गई। हालां‎कि पहले कहा जा रहा था कि नोटिस आतिशी के ओएसडी को दिया जा सकता है।

इससे पहले भी दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक टीम मंत्री आतिशी के घर भी पहुंची थी लेकिन पता चला कि वह चंडीगढ़ में हैं। वहीं आतिशी ने अपने कैंप ऑफिस में निर्देश दिए की अधिकारी नोटिस रिसीव करेंगे। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सीएम ऑफिस को जो नोटिस ‎दिया था उसमें तीन सवालों के जवाब पूछे गए, जिनमें कहा गया है ‎कि जो आरोप लगाए हैं उसका सबूत दीजिए, सात विधायकों के नाम बताइए और जो सबूत हैं वो दीजिए, ताकि जांच की जा सके। इस तरह से तीन सवाल पूछे गए हैं।

बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आतिशी पर हमला करते हुए कहा ‎कि मंत्री आतिशी भी अरविंद केजरीवाल की तरह सबूत होने की बात कह रही थी। अब बीजेपी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच सबूत लेने गयी है तो आतिशी भी गायब हैं। न कोई खरीदने वाला था न बेचने वाला। ईडी से ध्यान हटाने के लिए रचा था विधायक खरीदने का जंजाल। अब इसमें आतिशी और अरविंद केजरीवाल ख़ुद फंस गए हैं। लेकिन आतिशी को सबूत तो देना पड़ेगा। वहीं सीएम केजरीवाल ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि आप के सात विधायकों से संपर्क किया गया और उनमें से प्रत्येक को दलबदल करने के लिए 25 करोड़ रुपये की पेशकश की गई।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कथित शराब घोटाले में उन्हें गिरफ्तार करने और दिल्ली में उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। ले‎किन हमारे सभी एमएलए मजबूती से साथ हैं। इस बार भी ये लोग अपने नापाक इरादों में फेल होंगे। ये लोग एक फर्जी शराब घोटाले के बहाने गिरफ्तार करके सरकार गिराना चाहते हैं। इधर, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा था ‎कि इससे पता चलता है कि सीएम केजरीवाल राजनीतिक रूप से कितने हताश हो गए हैं। उनका यह निराधार आरोप अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाये रखने की कोशिश है। यह आरोप कि भाजपा दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 62 सदस्यों वाले सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ना चाहती है, यह काम उसके मानसिक दिवालियापन को उजागर करता है।