एक फिर ओबीसी मुद्दे पर भुजबल की सरकार से रार, दिया शिंदे सरकार को इस्‍तीफा

 


मुंबई। महाराष्ट्र में मराठों को ओबीसी वर्ग से आरक्षण देने के मामले में राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल काफी नाराज हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मैंने ओबीसी के लिए हमेशा संघर्ष किया है, उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी है। एक फिर ओबीसी के हक के लिए मैंने अपना इस्तीफा राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंप दिया है। फिलहाल इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का खुलासा इसलिए नहीं किया है कि सीएम शिंदे एवं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने चुप रहने का कहा था। अहमदनगर में एक ओबीसी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस्तीफे पर चुप हैं क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से इस बारे में नहीं बोलने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, मैं इस पर चुप रहा, लेकिन कुछ लोग अब ओबीसी के पक्ष में बोलने के लिए भुजबल को कैबिनेट से बाहर करने की मांग कर रहे हैं। मैं अपनी आखिरी सांस तक ओबीसी के लिए लड़ूंगा।

छगन भुजबल ने शिवसेना के बुलढाणा विधायक संजय गायकवाड़ का जिक्र करते हुए यह बात कही है। बता दें कि गायकवाड़ ने भुजबल के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था और मंत्री पद से उनका इस्तीफा मांगा था।भुजबल के अनुसार, जालना जिले के अंबाद में ओबीसी रैली के लिए जाने से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। ओबीसी वर्ग से मराठा आरक्षण के खिलाफ मुखर भुजबल ने पिछले ढाई महीनों में राज्य भर में कई रैलियों को संबोधित किया है। अपने त्याग पत्र में भुजबल ने कहा कि वह मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि उनके कुछ कैबिनेट सहयोगी मराठा आरक्षण से संबंधित उनके रुख से सहमत नहीं हैं।

भुजबल ने महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा मराठा समुदाय के हाल ही में संपन्न सर्वेक्षण पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जानकारी एकत्र करते समय गणनाकर्ताओं द्वारा झूठ दर्ज किया जा रहा है। महाराष्ट्र की शिंदे सरकार द्वारा 27 जनवरी को कुनबी पृष्ठभूमि वाले मराठा समुदाय के सदस्यों के रक्त संबंधियों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की अधिसूचना जारी करने के बाद ओबीसी समाज की यह पहली सार्वजनिक रैली थी। भुजबल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा, मुख्यमंत्री भुजबल के इस्तीफे पर टिप्पणी करने में अधिक सक्षम होंगे। इस समय मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि सीएम ने अब तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।