एक बार फिर से विवादों में फंस सैम पित्रोदा ने फिर कराई कांग्रेस की फजीहत, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर से विवादों में फंस गए हैं। इस बार संविधान बनाने में बाबा साहब आंबेडकर की तुलना में जवाहर लाल नेहरू का योगदान ज्यादा होने और आंबेडकर को संविधान की जनक बताने की बात को झूठ कहने के लिए पित्रोदा घिर गए हैं।

दरअसल सैम पित्रोदा के एक्स अकाउंट से एक पोस्ट में कहा गया कि संविधान के निर्माण और इसकी प्रस्तावना में सबसे ज्यादा योगदान किसका था? पित्रोदा ने खुद ही इसका जवाब देते हुए कहा कि ये नेहरू थे न कि आंबेडकर।

सैम पित्रोदा ने अपने एक्स हैंडल पर सुधीन कुलकर्णी के हवाले से कहा, “बाबा साहब का दिया हुआ संविधान, डॉ. आंबेडकर भारतीय संविधान के जनक थे। ये आधुनिक भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा झूठ है।” सैम पित्रोदा की इस पोस्ट पर विवाद बढ़ा तब ये पोस्ट उनके हैंडल से डिलीट कर दी गई। लेकिन इस बीच कई लोगों ने इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस और पित्रोदा को इसके लिए आड़े हाथो लिया। मालवीय ने लिखा, “यह बिल्कुल चौंकाने वाला है! राहुल गांधी के करीबी सहयोगी और गुरु सैम पित्रोदा ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया, भारत के संविधान को तैयार करने में उनके योगदान को कम आंका और कांग्रेस की सभी चीजों की तरह, नेहरू को श्रेय दिया। दलितों और डॉ. अंबेडकर, जिन्होंने हमें संविधान दिया और दलितों के उत्थान के लिए काम किया, के प्रति कांग्रेस की नफरत कोई नई बात नहीं है। नेहरू ने सुनिश्चित किया कि वह दो बार हारें और लोकसभा में प्रवेश न कर सकें। कांग्रेस ने तब भी उनकी विरासत को मिटाने की कोशिश की थी और अब भी कर रहे हैं। उनके व्यापक योगदान के बावजूद, उन्हें भारत रत्न से वंचित कर दिया गया। 1990 में (उनकी मृत्यु के 34 वर्ष बाद) केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार ने उन्हें सम्मानित किया।”

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस को घेरा और कहा, “कांग्रेस ने फिर किया अम्बेडकर जी का अपमान। हम जानते हैं कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब अम्बेडकर से नफरत की और उन्हें दो बार हराया और दशकों तक उन्हें भारत रत्न से वंचित रखा क्योंकि वे केवल एक परिवार की पूजा करते हैं। अब राहुल गांधी के निर्देश पर सैम पित्रोदा ने अंबेडकर जी का अपमान किया है और संविधान में उनके योगदान को ही नकार दिया है। ये सैम के शब्द हैं लेकिन भावनाएं सोनिया और राहुल की हैं जो अंबेडकर और एससी समाज से नफरत करते हैं।”