पणजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में इंडिया एनर्जी वीक 2024 का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत की इस विकास कहानी में ऊर्जा क्षेत्र महत्वपूर्ण है। भारत पहले से ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। साथ ही तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता, तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता देश है।’ ऊर्जा मांग 2045 तक दोगुनी हो जाएगी पीएम मोदी ने कहा, ”हम दुनिया के चौथे सबसे बड़े एलएनजी आयातक हैं। चौथा सबसे बड़ा रिफाइनरी मार्केट हमारा है और सबसे बड़ा चौथा ऑटोमोबाइल सेक्टर भी हमारा है। आज भारत में दोपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। ईवी की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसा अनुमान है कि भारत की प्राथमिक ऊर्जा मांग 2045 तक दोगुनी हो जाएगी।”
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुई पीएम मोदी ने कहा, ”ऊर्जा की बढ़ती मांग के बीच भारत देश के हर कोने में सस्ती ऊर्जा भी सुनिश्चित कर रहा है। भारत एक ऐसा देश है जहां कई वैश्विक कारकों के बावजूद, पिछले दो वर्षों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुई हैं।” इससे भारत ने 100% बिजली कवरेज हासिल कर लिया है। करोड़ों घरों तक बिजली पहुंचाई गई है और ऐसे प्रयासों के कारण आज भारत विश्व स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र में इतनी प्रगति कर रहा है। भारत 21वीं सदी का आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है। हम बुनियादी ढांचे के निर्माण मिशन पर काम कर रहे हैं, इस वित्तीय वर्ष में हम बुनियादी ढांचे पर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं।”
तेजी से बढ़ रही देश की अर्थव्यवस्था गोवा में इंडिया एनर्जी वीक 2024 को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”इंडिया एनर्जी वीक का ये आयोजन बहुत महत्वपूर्ण समय में हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में भारत की जीडीपी दर एक बार फिर 7।5% बढ़ गई है। ये दर है। वैश्विक वृद्धि के संबंध में लगाए गए अनुमान से कहीं अधिक है। भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और हाल ही में आईएमएफ ने भी भविष्यवाणी की है कि हम इसी गति से आगे बढ़ेंगे
सर्वाइवल सेंटर का उद्घाटन किया इसस पहले पीएम मोदी ने ओएनजीसी सी सर्वाइवल सेंटर का उद्घाटन किया। भारतीय समुद्री जीवन रक्षा प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक मानकों तक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र को एक अद्वितीय एकीकृत समुद्री जीवन रक्षा प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। केंद्र से सालाना 10,000-15,000 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की उम्मीद है। कठोर मौसम की स्थिति में अनुरूपित और नियंत्रित अभ्यास से प्रशिक्षुओं के समुद्री जीवन कौशल में वृद्धि होगी और इस प्रकार वास्तविक जीवन की आपदाओं से सुरक्षित बचने की संभावना बढ़ जाएगी।