पाकिस्तान चुनाव में धांधली के खुलासे से सियासत में भूचाल, गठित हुई उच्च स्तरीय जांच कमेटी

Pakistan Elections: Liaqat Ali Chattha says, 'We converted the losers into  winners, reversing margins of 70,000 votes..' | Mint

स्लामाबाद । पाकिस्तान चुनाव में धांधली होने पर अधिकारी के खुलासे ने सियासत में भूचाल ला दिया है। बता दें कि पाकिस्तान के एक कमिश्नर ने प्रेसवार्ता करके दावा किया कि चुनाव में उनके सामने धांधली की गई थी।

इतना ही नहीं, उन्हें हारे हुए उम्मीदवारों को 50 हजार मतों से जिताना पड़ा। यह कहकर कमिश्नर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पीटीआई के कार्यकर्ता पाकिस्तान की सड़कों पर विरोध में उतर आए हैं। इमरान खान की ओर से शुरू से ही चुनाव में धांधली के आरोप लगाए जाते रहे हैं। लिहाजा अब पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने एक शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी की ओर से लगाए गए उन आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।

रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्ठा ने आरोप लगाया

यह कमेटी उन आरोपों की जांच करेगी, जिनमें कहा गया था कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के साथ रावलपिंडी में चुनाव में न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग की शह पर धांधली की गई। रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्ठा ने शनिवार को आरोप लगाया कि शहर में जो उम्मीदवार चुनाव हार रहे थे, उन्हें जिताया गया। उन्होंने दावा किया कि रावलपिंडी में 13 उम्मीदवारों को जबरदस्ती विजेता घोषित किया गया। उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने आठ फरवरी को हुए आम चुनाव में धांधली और पार्टी को मिले जनादेश को छीने जाने के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।

रावलपिंडी के कमिश्नर ने धांधली की जिम्मेदारी लेकर दिया इस्तीफा

समाचारपत्र ‘डान’ में प्रकाशित एक खबर में रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त ने कहा,‘‘ मैं इस गड़बड़ी की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और बता रहा हूं कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और मुख्य न्यायाधीश इसमें पूरी तरह से शामिल हैं।’’ चट्ठा ने चुनाव परिणामों में हेर-फेर की ‘‘जिम्मेदारी’’ लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने चट्ठा द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ लगाए गए आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। ईसीपी ने आरोपों पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक की और आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया।

मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। उधर, रावलपिंडी के नवनियुक्त आयुक्त सैफ अनवर जप्पा ने आम चुनाव में अनियमितताओं के संबंध में पूर्व आयुक्त द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव में आयुक्त की भूमिका केवल समन्वय के लिए थी।