श्रीलंका में रह रहे रूस और यूक्रेन के शरणार्थियों को छोड़ना होगा देश, अब कहां जाएंगे लोग?

Russia-Ukraine War: Ukrainians Fleeing Russian Invasion Can Stay In Canada  For 3 Years

कोलंबो । रूस-यूक्रेन युद्ध तीसरे साल में चला गया है। 24 फरवरी 2022 को जब ये युद्ध शुरू हुआ था तब से ही यूक्रेन-रूस दोनों ही देशों की स्थिति बेहद भयावह हो गई। इस युद्ध की वजह से हजारों-लाखों लोग दूसरे देशों में पलायन कर गए।

ऐसे में कई लोग थे जिन्होंने भागकर श्रीलंका में शरण ली। लेकिन अब इन शर्णार्थियों के लिए श्रीलंका एक सुरक्षित जगह नहीं रहेगा। श्रीलंकाई सरकार ने 2 सप्ताह के भीतर रूसी और यूक्रेनी शर्णार्थियों को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है।

23 फरवरी से दो सप्ताह के भीतर देश छोड़ना होगा

अधिकारियों का कहना है कि इमिग्रेशन कंट्रोलर ने पर्यटन मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया है कि रूसी और यूक्रेनी पर्यटकों को 23 फरवरी से दो सप्ताह के भीतर देश छोड़ना होगा क्योंकि उनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई है। इस खबर के बाद से वहां रह रहे शरणार्थियों के बीच चिंता का माहौल है, कि अब वे कहां जाएंगे।

हालांकि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने एक नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया है कि उन्होंने एक जांच का आदेश दिया है कि लोगों के विस्तारित वीजा के एक्सटेंशन को आगे बढ़ाने वाले फैसले पर बातचीत किए बिना उन्हें कैसे ये नोटिस जारी कर दिया गया।

दो देशों के बीच युद्ध छिड़ने के बाद शरणर्थियों दिया गया वीजा

राष्ट्रपति के मीडिया विभाग ने कहा कि श्रीलंकाई सरकार ने आधिकारिक तौर पर इन पर्यटकों को पहले दिए गए वीज़ा एक्सटेंशन को रद्द करने का निर्णय नहीं लिया है। दो यूरोपीय देशों के बीच युद्ध छिड़ने के बाद रूसी और यूक्रेनी शरणार्थियों को श्रीलंका में विस्तारित वीजा दिया गया था।

हालांकि श्रीलंका में कितने रूसी और यूक्रेनी शरणार्थी हैं इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से लगभग 3 लाख रूसी और 20 हजार यूक्रेनी नागिरक श्रीलंका पहुंचे हैं।

अवैध व्‍यवसाय के चलते इन मामलों के कारण निकाला जा रहा

अधिकारियों के मुताबिक उड़ान की कमी के कारण उन्हें लंबे समय तक रुकने की अनुमति दी गई थी। इमिग्रेशन अधिकारियों का कहना है कि रूसी और यूक्रेनी नागरिकों द्वारा अवैध व्यवसाय चलाने, विदेशियों को रोजगार देने और स्थानीय प्रणालियों को दरकिनार करने जैसे मामले सामने आए थे। इस तरह की शिकायतें मिली थी कि वीजा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।