राजस्थान में गहलोत की योजनाएं होगी बंद, भजनलाल सरकार का OPS बंद. NPS लागू करने का ऐलान

नई सरकार की पहली नियुक्ति में ही कर्मचारियों पर लागू हुआ एनपीएस, कर्मचारी  संगठनों ने उठाए सवाल

नई दिल्‍ली । राजस्थान (Rajasthan)में सत्ता परिवर्तन के बाद अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)की योजनाएं बंद हो रही है। भजनलाल सरकार (bhajanlal government)ने पहली नियुक्ति में ही कर्मचारियों (employees)पर एनपीएस लागू कर दिया है। आदेश में ओपीएस का कहीं जिक्र नहीं है। मतलब साफ है कि राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी। हालांकि, ओपीएस के बारे में वित्त मंत्री दीया कुमारी ही सरकार का दृष्टिकोण साफ करेगी। विधानसभा में आज जवाब दे सकती है। बता दें बीजेपी एनपीएस के पक्ष में रही है। 25 अभ्यर्थियों की सूची जारी की है उसमें एनपीएस का जिक्र है। ओपीएस का नहीं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम लागू रखने का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्माया था। राजस्थान की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने नई पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी, लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने नवनियुक्त कार्मिकों के लिए ओपीएस के बजाय दोबारा एनपीएस लागू करने का आदेश जारी किया है।

अभ्यर्थियों की सूची में एनपीएस का जिक्र

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी के पद पर चयनित 25 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है। जिसमें नियुक्तियां की शर्तों में अंशुदायी पेंशन योजना लागू होने का जिक्र किया गया है। इसे लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) सवाल उठाए हैं। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग कहा कि सरकार के इस फैसले को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका विरोध भी किया जाएगा।

कर्मचारियों ने सरकार की खिलाफत करने का किया ऐलान

राजस्थान सरकार ने कृषि विभाग की ओर से 22 जनवरी को जारी सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) के 25 कार्मिकों की नियुक्ति आदेश जारी किए, जिसमें लिखा है कि इन कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना वित्त विभाग के परिपत्र 29 जनवरी 2004 और 13 मार्च 2006 के अनुसार लागू होगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में 25 कार्मिकों के नियुक्ति आदेश में 2004 के परिपत्रानुसार नई पेंशन स्कीम लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसे कार्मिक अस्वीकार करते हैं। उन्होंने शिक्षक और कर्मचारी समुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा. इस संघर्ष में अपने आहुति देने के लिए तैयार रहें।


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