हिमाचल प्रदेश में बर्फ तो केरल में क्यों पड़ रही एक्ट्रीम हीट, क्या है वजह

Shimla District Gets First November Snow In 15 Years

नई दिल्‍ली । हिमाचल प्रदेश और केरल दो भारतीय राज्य हैं, जो देश के विपरीत छोर पर स्थित हैं. दोनों राज्यों की भौगोलिक स्थिति बहुत भिन्न है, जो उनकी जलवायु और मौसम के पैटर्न को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।

फिलहाल हिमाचल प्रदेश और केरल एकदम अलग मौसम के पैटर्न का सामना कर रहे हैं. जहां हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू हुआ है तो वहीं केरल में फरवरी में ही गर्मी का असर दिखने लगा है. अभी फरवरी खत्म होने में एक हफ्ते का समय बचा हुआ है, लेकिन केरल चिलचिलाती धूप की चपेट में है. केरल के तीन जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है।

हिमाचल में बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति, मनाली, किन्नौर, काजा सहित कई इलाकों में पिछले सप्ताहांत से ही रुक-रुक कर बारिश और बर्फबारी हो रही है. मौसम विभाग ने खराब हो रहे हालात को देखते हुए इस सप्ताह रेड अलर्ट भी जारी किया था. मौसम विज्ञान केंद्र की तरफ से प्रशासन को अलर्ट पर रहने की सलाह दी थी. हिमाचल प्रदेश में मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हुआ है।

केरल में बढ़ता तापमान

केरल में बढ़ती गर्मी का यह हाल है कि जिन जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक चला गया है. वहां के लिए यलो अलर्ट जारी किया जा चुका है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार कोझिकोड में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है. कन्नूर और तिरुवनंतपुरम में अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक पहुंच सकता है. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने बढ़ते तापमान को देखते हुए सलाह जारी की है. केएसडीएमए ने लोगों से बढ़ते तापमान के मद्देनजर सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

लोगों के लिए सलाह जारी

लोगों से कहा गया कि वे दिन के दौरान सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सीधी धूप में लंबे समय तक रहने से बचें. क्योंकि इससे सनबर्न, हीट स्ट्रोक और डिहाईड्रेशन हो सकता है. लोगों को प्यास न होने पर भी खूब पानी पीना चाहिए और दिन के समय शराब, कॉफी, चाय और कार्बोनेटेड शीतल पेय जैसे निर्जलीकरण पेय से बचना चाहिए. एजेंसी ने गर्मियों के दौरान ढीले, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने, बाहर जाने पर जूते पहनने के अलावा छाता या टोपी का उपयोग करने पर भी जोर दिया. इस अवधि के दौरान खूब फल और सब्जियां खाने से भी शरीर को गर्मियों से लड़ने में मदद मिलेगी. ओआरएस घोल, संभरम आदि के उपयोग को भी प्रोत्साहित करने की सलाह दी है।

सामान्यत: कैसा रहता है मौसम

वैसे गर्मी के मौसम में केरल का औसत तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है. यहां वर्ष के अधिकांश समय भारी वर्षा होती है, विशेषकर जून से सितंबर तक मानसून के मौसम के दौरान. दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश तीन अलग-अलग मौसम होते हैं – गर्मी, सर्दी और मानसून. ग्रीष्म ऋतु गर्म होती है और तापमान 28°C से 32°C तक होता है, जबकि सर्दियां बहुत ठंडी होती हैं और तापमान 0°C से 15°C तक होता है. मानसून का मौसम जुलाई से सितंबर तक राज्य में भारी वर्षा लाता है।

अल नीनो जिम्मेदार

केरल में तापमान में असामान्य वृद्धि के लिए मौसम विशेषज्ञों ने अल नीनो को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो महासागर के पानी में असामान्य वृद्धि का कारण बनता है. यह वायुमंडलीय तापमान को भी प्रभावित करता है. जैसे ही गर्म महासागर वायुमंडल में अतिरिक्त गर्मी छोड़ता है, तापमान बढ़ जाता है।