Kamal Nath News: कमलनाथ के सपोर्ट में खुलकर सामने आए कांग्रेस के ये विधायक, एक-एक कर पहुंच रहे दिल्ली

Country Runs By Vision, Not Television": Kamal Nath After Exit Polls  Prediction

नई दिल्‍ली । कमलनाथ बीजेपी छोड़ेंगे या नहीं इसको लेकर अभी तक कुछ भी आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है लेकिन उनके वफादार और मध्य प्रदेश के कुछ विधायक दिल्ली जरूर पहुंच गए हैं. कमलनाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा से तीन विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं तो तीन और दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं।

ये विधायक किसी कॉल का जवाब नहीं दे रहे. वहीं, कल तक पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया यह दावा कर रहे थे कि कमलनाथ कहीं नहीं जाएंगे और न कोई विधायक कहीं जाएगा, लेकिन खबर है कि वह खुद रविवार को इन विधायकों के संग दिल्ली में हैं. जबकि पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना और सज्जन सिंह वर्मा ने अपने मन की बात कह दी है. दोनों ही कमलनाथ के समर्थक माने जाते हैं।

सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम और निशान दोनों हटा

विक्रम सिंह वर्मा ने अपने ‘एक्स’ प्रोफाइल पर रविवार को ‘जय श्री राम’ कैप्शन देकर लिखा, ”तेरे राम, मेरे राम, तुझसमें भी राम, मुझमे भी राम. जय श्री राम.” सज्जन सिंह वर्मा कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ समेत उन नेताओं में हैं जिन्होंने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम और निशान दोनों हटा दिया है. सज्जन वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”मैं कमल नाथ का अनुसरण करूंगा. जहां वह जाएंगे, मैं वहीं जाउंगा.” दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने छिंदवाड़ा में पत्रकारों से कहा कि विधानसभा में हार के बाद जिस तरह से कमलनाथ को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाया गया, उससे वह आहत हैं. हम चाहते हैं कि उन्हें सम्मान मिले. वह जो भी फैसला लेंगे, हम उनके साथ होंगे।

दलबदल विरोधी कानून से बचने की यह है तैयारी

बता दें कि छिंदवाड़ा से नौ बार के सांसद और विधायक कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने नवंबर में विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और जीतू पटवारी को जिम्मेदारी दी गई थी. उधर, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि कमलनाथ खेमे द्वारा 23 विधायकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की जा रही है ताकि उन पर दलबदल विरोधी कानून लागू न हो. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के वकील राकेश पांडे की मानें तो यदि एक तिहाई विधायक पाला बदल लेते हैं, तो दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा. मध्य प्रदेश के 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 66 विधायक हैं।