नई दिल्ली । दक्षिण कोरियाई कार कंपनी हुंडई (Hyundai)का रूस स्थित प्लांट (plant)कौड़ियों के भाव बेचा जाएगा। पिछले दो वर्षों में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (war between ukraine)के कारण (Reason)कई कंपनियों को रूस में अपना कारोबार बंद करना पड़ा है।
इन कंपनियों की लिस्ट में हुंडई भी शामिल थी। रूस में इसकी फैक्ट्री को प्रतीकात्मक मूल्य 77 अमेरिकी डॉलर में बेचा जा रहा है। इससे कंपनी को 219 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ेगा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हुंडई ने एक नियामक दस्तावेज में अपने रूसी प्लांट को बेचने की योजना की जानकारी दी। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से इस फैक्ट्री में काम बंद है. हुंडई रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित इस प्लांट की संपत्ति हुंडई ऑटोमोटिव सर्विसेज से जुड़ी एक स्थानीय कंपनी आर्ट फाइनेंस को हस्तांतरित करना चाहती है। इससे पहले जर्मन कार कंपनी फॉक्सवैगन ने भी रूस में अपनी संपत्ति आर्ट फाइनेंस को बेची थी।
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध से पहले, हुंडई और उसकी सहायक कंपनी किआ रूस की शीर्ष तीन कार कंपनियों में से एक थी। इस युद्ध के बाद कई अंतरराष्ट्रीय कार कंपनियों ने रूस में अपना कारोबार बंद करने का फैसला किया। उसके बाद, रूसी कार बाज़ार कुछ स्थानीय और चीनी कार निर्माताओं के लिए खुल गया। इस बाजार में चीन से आयातित कारों की हिस्सेदारी बढ़कर करीब 49 फीसदी हो गई है. चीनी कंपनियाँ उन फ़ैक्टरियों पर भी नियंत्रण कर रही हैं जो पहले अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की थीं।हुंडई भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। हुंडई ने घोषणा की कि वह देश में अपने सभी मॉडलों में छह एयरबैग मानक बनाएगी। इसके अलावा, कंपनी अन्य सुरक्षा फीचर्स जैसे थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट और सीट बेल्ट रिमाइंडर भी सभी वेरिएंट में उपलब्ध कराएगी।
13 हुंडई मॉडलों में से 10 को सभी मॉडलों और वेरिएंट में मानक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण (ईएससी) और हिल स्टार्ट असिस्ट कंट्रोल (एचएसी) के साथ पेश किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि एडवांस्ड ड्राइवर एड्स सिस्टम (एडीएएस) उसके पांच मॉडलों पर भी उपलब्ध होगा। हुंडई ने हाल ही में देश में शुरू हुए भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट का भी स्वागत किया। कंपनी ने इस परीक्षण के लिए अपने तीन मॉडलों को प्रारंभिक रूप से शामिल करने की सूचना दी।