क्या INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर नाराज हैं नीतीश? RJD ने किया बड़ा खुलासा

सीट शेयरिंग की डेडलाइन, संयोजक पर सस्पेंस, साझा प्रचार का प्लान... INDIA  गठबंधन की चौथी बैठक से क्या निकला - What came out of the fourth meeting of  INDIA alliance ntc - AajTak

नई दिल्‍ली । लोकसभा चुनाव 2024 के अब कुछ ही महीने शेष बचे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) अपना पूरा जोर लगाने में लगी है। वहीं, विपक्षी दलों के गुट ‘इंडिया’ में सीट बंटवारे का मुद्दा गरमाने लगा है। बंगाल की टीएमसी पहले ही अकेले बीजेपी का राज्य में सामना करने का ऐलान कर चुकी है। इस बीच, सियासी गलियारों में सवाल उठने लगे हैं कि क्या इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर नीतीश कुमार खफा हैं? जिसको लेकर आरजेडी ने सोमवार को खुलासा किया है। जनता दल (यूनाइटेड) ने भी साफ कर दिया है कि बिहार में जेडीयू और आरजेडी बीजेपी का मुकाबला करने में सक्षम हैं। आइए जानते हैं और क्या है सच?

बिहार में बीजेपी का मुकाबला करने की स्थिति में

बिहार में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर जनता दल (यूनाइटेड) के नेता केसी त्यागी का कहना है कि जेडीयू और आरजेडी बिहार में बीजेपी का मुकाबला करने की स्थिति में हैं। वहां सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है। हमने 16 सीटें जीती थीं और हम वहां समझौता नहीं करेंगे।

त्यागी ने आगे कहा कि जेडीयू भारत गठबंधन का संस्थापक भागीदार है। हम बीजेपी की तैयारियों को लेकर चिंतित हैं। हम भारतीय गठबंधन की संगठनात्मक संरचना, उम्मीदवारों के चयन और संयुक्त रैलियों में देरी को लेकर चिंतित हैं। कांग्रेस को अपनी पार्टी की चिंता है लेकिन हमें भारत गठबंधन की चिंता है।

कांग्रेस नेता का बयान BJP के लिए फायदेमंद

त्यागी यही नहीं रुके, उन्होंने नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का निर्माता बताया। कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के निर्माता हैं और ये इंडिया गठबंधन के संयोजक पद से भी बड़ा है। हम बंगाल में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान से असहमत हैं और उनका बयान बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला है।

‘आरजेडी बोली हमारी भी वही चिंता जो जेडीयू की है’

जेडीयू नेता केसी त्यागी के बयान पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि इंडिया गठबंधन की हर पार्टी चाहेगी कि सब कुछ तेज गति से हो। ऐसे में ये मत कहिए कि जेडीयू गुस्से में है। यह जेडीयू की चिंता है, हमारी भी यही चिंता है और यह गठबंधन के हर दल की चिंता है। सभी दलों की एक समान चिंता है कि बेहतर समाधान कैसे दिया जा सकता है? देरी को ध्यान में रखते हुए, अब जल्द से जल्द निर्णय लिया जाएगा संभव।