नई दिल्ली । जनवरी की 14 तारीख को जिस वक्त कांग्रेस के आला नेता ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली से मणिपुर के लिए रवाना हो रहे थे,पार्टी के जाने-माने चेहरे मिलिंद देवरा ने इसकी सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके कुछ घंटों के बाद देवरा शिवसेना के शिंदे गुट में शामिल हो गए।
अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक अहम अध्याय का समापन हुआ. मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. इसके साथ ही इस पार्टी से मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता ख़त्म हो गया।
Today marks the conclusion of a significant chapter in my political journey. I have tendered my resignation from the primary membership of @INCIndia, ending my family’s 55-year relationship with the party.
I am grateful to all leaders, colleagues & karyakartas for their…
— Milind Deora | मिलिंद देवरा (@milinddeora) January 14, 2024
“मैं सालों तक उनके अटूट समर्थन के लिए पार्टी के सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं। मिलिंद देवरा कांग्रेस के जाने-माने नेताओं में से एक रहे हैं और केंद्रीय मंत्री रह चुके मुरली देवरा के बेटे हैं।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
उनके इस्तीफ़े के एलान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने मिलिंद के पिता मुरली देवरा से अपने जुड़ाव को याद किया।
I recall my long years of association with MURLI Deora with great fondness. He had close friends in all political parties, but was a stalwart Congressman who ALWAYS stood by the Congress party — through thick and thin.
Tathastu!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 14, 2024
ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं मुरली देवरा के साथ अपने कई साल पुराने जुड़ाव को बड़े प्रेम से याद करता हूं. सभी राजनीतिक दलों में उनके दोस्त थे, लेकिन वो पक्के कांग्रेसी थे, जो हर मुश्किल परिस्थिति में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे. तथास्तु।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा से ठीक पहले उनके इस्तीफ़े की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। मीडिया के अनुसार जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि देवरा के पार्टी छोड़ने का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया है।
एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कि “मिलिंद तो एक कठपुतली हैं. हर जगह मीडिया में भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़ी ख़बरें हैं. प्रधानमंत्री तो हेडलाइन मैनेजमेन्ट के गुरु हैं. उन्होंने एक हेडलाइन बना दिया है कि मिलिंद देवरा ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्होंने कहा, “उनके इस्तीफ़े का पार्टी पर असर नहीं होने वाला है. एक मिलिंद देवरा जाता है तो लाखों मिलिंद देवरा पार्टी में रहते हैं, जो पार्टी की विचारधारा, इसके संगठन में विश्वास रखते हैं।
मिलिंद देवरा ने क्या कहा?
मिलिंद देवरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देने के बाद मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर जा कर दर्शन किए। इस दौरान उनसे पत्रकारों ने जब पूछा कि वे अब किस पार्टी में जाएंगे, तो देवरा ने कहा, “मैं विकास के मार्ग पर जा रहा हूं।
इसके बाद वो शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक पर पहुंचे जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो दोपहर 1.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
इससे पहले जयराम रमेश ने पीटीआई से कहा था कि शुक्रवार को देवरा ने उनसे फ़ोन पर कहा था कि वे राहुल गांधी से बात करना चाहते हैं। जयराम रमेश ने बताया कि देवरा इस बात को लेकर चिंतित थे कि शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट उनकी मुंबई दक्षिण सीट पर अपना दावा कर रहा है. इस सीट से मिलिंद के पिता मुरली देवरा सांसद रहे हैं।
उन्होंने कहा, “उन्होंने शुक्रवार को सुबह 8.52 बजे मुझे मैसेज किया जिसके जवाब में मैंने दोपहर 2.47 बजे लिखा कि ‘क्या आप पार्टी बदलने की सोच रहे हैं?’ उसके बाद 2.48 बजे देवरा ने मैसेज किया कि ‘क्या आपसे बात करना संभव नहीं है?’ इस पर मैंने जवाब दिया कि ‘मैं आपको 3.40 बजे के आसपास कॉल करता हूं’ और फिर मैंने उनसे बातचीत की। इस बीच ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वो शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता ने इस मुद्दे पर कहा कि विचार, आदर्श अब नहीं रहे, अब सब सत्ता की राजनीति है। उन्होंने कहा, “हम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुरली देवरा जी को जानते थे. वो बहुत बड़े नेता थे, कांग्रेस के साथ उनका लगाव था. सब कहते थे कि उनका आदर्श सामने रखें कि पार्टी के लिए क्या करना है, कैसा त्याग करना चाहिए।
कांग्रेस के अन्य नेता क्या बोले?
लोकसभा में पार्टी के नेता ने भी जयराम रमेश के बयान का समर्थन किया है और कहा कि “मैं क्या कह सकता हूं, अगर किसी को पार्टी छोड़नी ही है तो छोड़ दे।
उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले नागपुर में मेरी उनसे मुलाक़ात हुई थी और हमने आपस में बात की थी. मैंने उनसे उनकी ख़ैरियत पूछी, उन्होंने भी मेरा हालचाल जाना। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने उन्हें क्या-कुछ नहीं दिया, उन्हें मंत्री बनाया. ऐसे में आपको सवाल देवरा से ही पूछा जाना चाहिए।
ने मीडिया से कहा, “उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देने की बात की है. कांग्रेस परिवार और देवरा परिवार के बीच हमेशा एक अलग समीकरण रहा है. आज उनका ट्वीट पढ़ा तो मुझे व्यक्तिगत तौर पर बहुत दुख हुआ। “मैंने खुद और प्रभारी जी ने भी उनसे बात करने की पूरी कोशिश की थी. हम एक परिवार हैं, हमें साथ में रहना चाहिए. मुरली भाई के कांग्रेस परिवार के साथ अच्छे संबंध रहे हैं, वो दुख और सुख में कांग्रेस परिवार के साथ खड़े रहे हैं. आज यात्रा शुरू होने के दिन ये फ़ैसला आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कौन हैं मिलिंद देवरा?
मुंबई दक्षिण की सीट से लोकसभा सांसद रहे मिलिंद देवरा 27 साल की उम्र में चुनाव जीतकर संसद में आए थे. 2004 में उन्होंने बीजेपी की जयवंती बेन मेहता को हराया था। मुंबई में जन्मे मिलिंद देवरा जाने-माने कांग्रेस नेता मुरली देवरा के बेटे हैं जो इसी लोकसभा सीट से सांसद थे।
2001 में मुरली देवरा ने सुप्रीम कोर्ट में एक केस जीता था जिसके बाद सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट पीने पर रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने कहा था कि ऑडिटोरियम, अस्पताल, लाइब्रेरी, स्कूल या शिक्षण संस्थाएं, कोर्ट की इमारतों, सरकारी दफ्तरों और रेलवे जैसी सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट या बीड़ी पीना उन लोगों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है जो धूम्रपान नहीं करते।