बसंत सोरेन को लेंकर JMM विधायक का दावा, झारखंड सरकार में मिल सकता है ये बड़ा पद..


रांची। झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े। यह संख्या विधानसभा के मौजूदा स्ट्रेंथ और सदन में उपस्थित विधायकों की संख्या के हिसाब से बहुमत के लिए जरूरी नंबर से सात ज्यादा है। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बैद्यनाथ राम ने बसंत सोरेन को लेकर बड़ा दावा किया है।

बैद्यनाथ राम ने कहा कि बसंत सोरेन उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन की सलाह से मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। बसंत सोरेन, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई हैं। हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं।

युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं बसंत सोरेन

बसंत सोरेन का जन्म 1 सितंबर 1977 को नेमरा में हुआ था। उनके पिता का नाम शिबू सोरेन और माता का नाम रूपी सोरेन है। उनकी पत्नी की नाम हेमलता सोरेन है और उनके 2 बच्चे हैं। वे पहली बार साल 2020 में विधायक निर्वाचित हुए थे। अब ये अब तक वो विधायक हैं। साहित्य के क्षेत्र में वे मुंशी प्रेमचंद को अपना आदर्श मानते हैं। वहीं राजनीति के क्षेत्र में वो दिशोम गुरु शिबु सोरेन को अपना गुरु मानते हैं। उनको घर का बना हुआ साधारण खाना ही पसंद है। विदेश यात्रायों की बात करें तो बसंत सोरेन अब तक सिंगापुर, मलेशिया, दुबई और नेपाल की यात्रा कर चुके हैं। इसके अलावा वे झारखंड युवा मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वो अपनी प्राथमिकता के तौर पर झारखंड के विकास को देखते हैं।

गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने किया था भाई का जिक्र

बता दें कि ईडी की तरफ से गिरफ्तार किए जाने की संभावना को देखते हुए हेमंत सोरेन ने एक लेटर लिखा था। पत्र में न सिर्फ उन्होंने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी पार्टियों से सहयोग मांगा था। बल्कि उन्होंने इस लेटर के माध्यम से अपने परिवार का ख्याल रखने की भी गुजारिश की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी अनुपस्थिति में आप सब मेरे परिवार, मेरे पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन और माता जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उनका भी ख्याल रखेंगे और मेरे छोटे भाई पर भी अपना स्नेह बनाए रखेंगे।