नीतीश कुमार के ढुलमुल रवैये पर भाजपा की नजर, इस बार ढील नहीं देगी पार्टी

JDU and Nitish Ji's natural alliance is NDA only': BJP president JP Nadda |  India News - Times of India

नई दिल्‍ली । बिहार (Bihar)के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar)एक बार फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी (Return)करने के बाद नई सरकार (new government)का गठन कर चुके हैं। हालांकि नीतीश की एनडीए वापसी कई मायनों में चौंकाने वाली रही। वे विपक्षी इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े चेहरे माने जा रहे थे। यहां तक कि राजनीतिक हलकों में उन्हें विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार माना जा रहा था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नीतीश कुमार की एनडीए वापसी के लिए जमीन कैसे तैयार हुई!

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से नाता तोड़ने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई और रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले वे महागठबंधन का हिस्सा थे जिसमें राजद और कांग्रेस भी शामिल है। इस महागठबंधन में बेचैनी के संकेत लगभग एक महीने पहले ही दिखाई देने लगे थे। लेकिन 13 जनवरी के एक घटनाक्रम ने नीतीश से एनडीए वापसी का रास्ता तय कर दिया। रविवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्होंने इंडिया गठबंधन इसलिए छोड़ दिया क्योंकि “सब कुछ ठीक नहीं था”।

तो अध्यक्ष बनना चाहते थे नीतीश?

सूत्रों के हवाले से बताया कि विपक्षी गुट की एक ऑनलाइन मीटिंग के बाद ही नीतीश कुमार ने 13 जनवरी को संबंध तोड़ने का मन बना लिया था। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार पहले से ही सीट-बंटवारे की बातचीत को लंबा खींचने के लिए कांग्रेस से नाराज थे। इसके अलावा, वे इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाए जाने की उम्मीद कर रहे थे। इस बीच जब ममता बनर्जी के प्रस्ताव के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्षी गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने उसी दिन तय कर लिया था कि वे इंडिया गठबंधन से रिश्ता तोड़ देंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान घटनाक्रम से नाराज नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि उन्हें यह (संयोजक) पद नहीं चाहिए और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को संयोजक बनाया जाना चाहिए। ये नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने भाजपा के खिलाफ विपक्षी नेताओं को एकजुट किया। कुछ महीने पहले पटना में इंडिया ब्लॉक की पहली बैठक की मेजबानी भी नीतीश ने की थी। नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति के इच्छुक रहे हैं। लेकिन उन्होंने खुद इन बातों से इनकार किया था।

तैयार नहीं थे बिहार भाजपा के नेता

रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जनवरी के बाद नीतीश कुमार के एक बेहद करीबी ने एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री से संपर्क साधा। मंत्री ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की उन्होंने इसे हरी झंडी दे दी। हालांकि, नीतीश के 2022 में एनडीए को छोड़कर राजद में वापस आने के बाद, भाजपा के बिहार नेता एनडीए में नीतीश का स्वागत करने के लिए तैयार नहीं थे। दरअसल, 2017 में नीतीश ने राजद से नाता तोड़ लिया था और वापस एनडीए में चले गए थे। मामले को सुलझाने के लिए बीजेपी बिहार नेतृत्व को दिल्ली बुलाया गया।

नीतीश पर लगाम कसने के लिए दो डिप्‍टी सीएम बनाएं गए

नीतीश कुमार के ढुलमुल रवैये से वाकिफ बीजेपी ने सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया। माना जा रहा है कि ऐसा नीतीश कुमार पर लगाम कसने के लिए किया गया। ये नेता नीतीश कुमार के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं। केवल इतना ही नहीं था, 2020 सरकार गठन के दौरान अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार मंत्रिमंडल में भाजपा का अधिक प्रतिनिधित्व होगा। हालांकि, गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास ही रहेगा। लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर भी चर्चा होगी। 2019 के फॉर्मूले के तहत जद (यू) को इस बार 17 सीटें भाजपा शायद ही दे।

नीतीश जल्द करेंगे मंत्रिमंडल विस्तार

इसके अलावा, अब नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के एक दिन बाद विधानसभा अध्यक्ष पद और अन्य विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए जोरदार गोलबंदी शुरू हो गई है। नीतीश कुमार ने विभागों के बंटवारे के लिए अपने नए मंत्रिमंडल की सोमवार को बुलाई गयी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद विभागों के बंटवारे को लेकर राजग के घटक दलों के नेता चुप्पी साधे रहे।

जद(यू) के एक नेता ने नाम नहीं उजागर किए जाने की शर्त पर बताया, ‘‘नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, रामप्रीत पासवान, जनक राम, श्रेयशी सिंह और जदयू नेता सुनील कुमार सिंह, मदन सहनी, लेसी सिंह, शीला मंडल, जयंत राज अशोक चौधरी और संजय झा के नाम की चर्चा है।

पीएम मोदी ने सीएम पद की शपथ पर बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश कुमार को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को भी बधाई दी जिन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।

वहीं नड्डा ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की यह नयी राजग सरकार राज्य को स्थायित्व और विकास को रफ्तार प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ की सरकार पूरी ताकत के साथ बिहार को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेगी।