राम मंदिर का न्योता ठुकराने के बाद बैचेन कांग्रेस, राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी का गेम प्‍लान

BJP slams Congress for declining Ram Temple consecration invite - India  Today

नई दिल्‍ली । अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उद्धाटन की तैयारियां जोरों पर हैं। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए राम नगरी को सजाया जा रहा है। देश ही नहीं दुनिया में भी राम मंदिर के अभिषेक समारोह को लेकर उत्साह है।

हर कोई राम भक्ति में सराबोर है। छोटे से छोटे शहर-गांव के लोग अपने भगवान के स्वागत के लिए तैयार है। इसी क्रम में भाजपा नीत एनडीए वायनाड में समारोह को भव्य तरीके से मनाने की योजना बना रहा है। बता दें, वायनाड कांग्रेस नेता राहुल गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है।

पोंकुझी श्री राम मंदिर में पहुंचेंगे नेता

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भाजपा नेताओं के साथ पर्वतीय जिले में भगवान राम मंदिर जाएंगे और अयोध्या में आयोजित समारोह का हिस्सा बनेंगे। वे पोंकुझी श्री राम मंदिर में अयोध्या समारोह का सीधा प्रसारण देखेंगे। इनके अलावा, यहां एनडीए के राज्य संयोजक तुषार वेल्लापल्ली भी मौजूद रहेंगे।

ये है वेल्लापल्ली

एझावा समुदाय के नेता और एसएनडीपी योगम के महासचिव वेल्लापल्ली नतेसन के बेटे वेल्लापल्ली 2019 का चुनाव लड़ने के दौरान वायनाड लोकसभा क्षेत्र से एनडीए उम्मीदवार थे। वह केरल में भाजपा की सहयोगी भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) के नेता हैं।

कार्यक्रम का यह है मकसद

सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम का मकसद कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व को राष्ट्रव्यापी संदेश देना है, जिन्होंने अयोध्या में मंदिर शिलान्यास समारोह में शामिल होने के न्योते को ठुकरा दिया है। मंदिर मुथंगा वन्यजीव अभयारण्य से लगभग चार किमी दूर पोंकुझी नदी के तट के पास एक शांत क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में पूजे जाने वाले प्राथमिक देवता भगवान राम, देवी सीता, भगवान लक्ष्मण और भगवान हनुमान हैं।

किन नेताओं को निमंत्रण मिला है?

राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में शामिल होंगे। दूसरी ओर राष्ट्रीय और अन्य प्रमुख दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा गया था।

इन लोगों को मिला न्योता

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता मिला है। वीएचपी ने राजद में लालू प्रसाद यादव से समय मांगा है। आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है।

किन नेताओं ने न्योते को नकारा?

‘इंडिया’ के कई नेताओं ने घोषणा कि है कि वो कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। हाल ही में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि वह इस समारोह का हिस्सा नहीं होगी। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने एक कहा था कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। यहां आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने न्योते को अस्वीकार करने के संकेत दिए हैं। बताया जा रहा कि विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार द्वारा उन्हें निमंत्रण भेजा गया था। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण पर सवाल पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि मैं उन्हें नहीं जनता, न कभी उनसे मुलाकात हुई। हम जिनको जानते हैं उन्हीं से व्यवहार लेते हैं।

इससे पहले सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था। पार्टी ने कहा है कि वे धार्मिक कार्यक्रम के राजनीतिकरण के विरोध में समारोह में शामिल नहीं होंगे।

इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा संसद कपिल सिब्बल ने भी कहा है कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगी।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी समारोह में शिरकत नहीं करेगी। पार्टी के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा, ‘यह भाजपा के वर्चस्व वाला कार्यक्रम है। हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें हिस्सा नहीं लेगा।’