नई दिल्ली । पूर्वोत्तर राज्य में ताजा हिंसा में मंगलवार को मणिपुर के मोरेह शहर में उग्रवादियों के घात लगाकर किए गए हमले में चार पुलिस कमांडो और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान घायल हो गए।
यह घटना थौबल जिले के लिलोंग इलाके में अज्ञात हथियारबंद बदमाशों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प में चार नागरिकों की गोली लगने से मौत के एक दिन बाद हुई है। बंदूकधारियों ने पुलिस कमांडो को ले जा रहे वाहनों को उस समय निशाना बनाया जब वे मोरेह जा रहे थे, जो म्यांमार सीमा के करीब है। सूत्रों के मुताबिक, जब सुरक्षा बल तलाशी अभियान चला रहे थे, तब बंदूकधारियों ने राज्य कमांडो पर आरपीजी पर गोलीबारी की।
मणिपुर हाल ही में हिंसा की ताजा घटनाओं से जूझ रहा है। सोमवार की घटना में चार नागरिकों की मौत हो गई, जिससे राज्य सरकार को थौबल और इंफाल पश्चिम जिलों में फिर से कर्फ्यू लगाना पड़ा। चार लोगों के शव अभी तक बरामद नहीं किये जा सके हैं। बाद में एक वीडियो संदेश में, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लिलोंग के निवासियों से “और हिंसा न करने” और क्षेत्र में शांति बनाए रखने का अनुरोध किया। उन्होंने चार नागरिकों की हत्या के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पूर्वोत्तर राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद पिछले साल 3 मई से मणिपुर जातीय हिंसा की चपेट में है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई से अब तक जातीय संघर्षों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि अनौपचारिक संख्या इससे भी अधिक है।