नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का मसला विपक्ष की ओर से जोर-शोर से उठाया जा रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने दावा किया है कि अगर ईवीएम से जुड़े मसले ठीक नहीं किए गए तो भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीत सकती है।
चुनाव देश के भाग्य का फैसला करने वाला होगा
सैम पित्रोदा से समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा है कि चुनाव आयोग ने हमेशा ईवीएम पर उठ रहे सवालों को खारिज किया है. हालांकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी नेता बार-बार ईवीएम में कथित तौर पर हेरफेर के मुद्दे को उठाते रहे हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल 100 प्रतिशत वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की मांग कर रहे हैं और पर्चियां बक्से में डालने के बजाय वोटर्स को दी जानी चाहिए।
लोकसभा चुनाव के चलते पित्रोदा उठा रहे EVM का मसला?
ईवीएम पर चिंता व्यक्त करते हुए पित्रोदा ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाले एनजीओ ‘द सिटिजन्स कमीशन ऑन इलेक्शन’ की एक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि रिपोर्ट की मुख्य सिफारिशें मौजूदा डिजाइन को संशोधित करने की थीं. वीवीपीएटी प्रणाली को वास्तव में वोटर-वैरिफाइड बनाने की थी. पित्रोदा ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार किया, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने बोलने का फैसला किया. इसका इस तथ्य से कोई लेना-देना नहीं है कि पांच राज्यों में चुनाव खत्म हो चुके हैं और 2024 का चुनाव आ रहा है।
कांग्रेस नेता पित्रोदा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर उनकी हालिया टिप्पणियां तोड़-मरोड़कर पेश की गईं. धर्म एक व्यक्तिगत मामला है और इसे राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि पित्रोदा का कहना है कि उन्हें यह बात परेशान करती है कि पूरा देश राम मंदिर पर अटका हुआ है।
राहुल गांधी की यात्रा पर क्या बोले पित्रोदा?
चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आगामी मणिपुर से मुंबई भारत न्याय यात्रा पर पित्रोदा ने कहा कि अगला चुनाव भारत के भविष्य के बारे में है. हम किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं, क्या आप हमारे संविधान में वर्णित एक ऐसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं जो सभी धर्मों का सम्मान करता हो, हमारे संस्थानों की स्वायत्तता हो जो हमारे नागरिक समाज को कार्य करने की अनुमति देता हो, या आप एक ऐसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं जहां धर्म हावी हो रहा हो?