खरगे-रमेश को गडकरी के कानूनी नोटिस पर आई संजय राउत की प्रतिक्रिया, बोले- उन्हें फिर सोचना चाहिए…

Don't lie, Sanjay Raut said in the matter of reducing the security of  Uddhav Thackeray

नई दिल्‍ली । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश को भेजे गए कानूनी नोटिस पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नितिन गडकरी पर अपनी नाराजगी जताई है।

संजय राउत ने कहा, “किसानों को एमएसपी नहीं मिला, मुआवजा नहीं मिला और वे आत्महत्या कर रहे हैं। अगर नितिन गडकरी ने ऐसा कहा तो इसमें गलत क्या है। नितिन गडकरी झूठ नहीं बोलते हैं। वह वही बोलते हैं जो वह सोचते हैं। किसानों को खुले तौर पर देशद्रोही कहा गया। नितिन गडकरी को एक बार फिर से किसानों की स्थिति पर विचार करना चाहिए।”

महेंद्र थोरबे के बीच हाथापाई पर संजय राउत ने इसे गैंगवॉर बताया

महाराष्ट्र के मंत्री दादाजी भुसे और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) विधायक महेंद्र थोरबे के बीच हाथापाई पर संजय राउत ने इसे गैंगवॉर बताया है। उन्होंने कहा, “यह एक गैंग के भीतर गैंगवॉर है। विधानसभा में एक मंत्री और एक विधायक आपस में लड़ते हैं और देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि सब ठीक है। मैं आरएसएस को चिट्ठी लिखूंगा और उनसे पूछूंगा कि उनके लिए यही विकास की परिभाषा है? अगर हां तो मैं उन्हें इसे बदलने के लिए कहूंगा।

क्या है मामला

गडकरी का आरोप है कि दोनों कांग्रसी नेताओं ने उनके बारे में एक्स पर भ्रामक और अपमानजनक समाचार सामाग्री साझा की है। गडकरी के वकील बालेंदु शेखर का कहना है कि उनके मुवक्किल कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से साझा की गई पोस्ट के बारे में जानकर हैरान रह गए। वकील ने बताया कि खरगे और रमेश ने जानबूझकर एक साक्षात्कार का आधा वीडियो शेयर किया, जिस वजह से उनके बयानों का अर्थ अलग हो गया है।

तोड़ मरोड़कर पेश किया गया वीडियो अर्थ से परे

वकील के अनुसार, नोटिस में कहा गया है कि जनता की नजरों में गडकरी के प्रति भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई है। यह भयावह है। कांग्रेसी नेताओं का यह कृत्य यह भाजपा की एकजुटता में दरार पैदा करने का प्रयास है। तोड़ मरोड़कर पेश किया गया वीडियो अर्थ से परे है। नोटिस में दोनों नेताओं से संबंधित पोस्ट को तुरंत हटाने के लिए कहा गया है। नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर वीडियो डिलीट करने के साथ-साथ मेरे मुवक्किल से तीन दिन के भीतर कांग्रेसी नेताओं को लिखित में माफी मांगनी होगी। अगर नोटिस को नकारने की कोशिश की गई तो गडकरी उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। इसके जिम्मेदार खुद कांग्रेसी नेता ही होंगे।