इंदौर। इंदौर में स्थित वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित अनाथालय की 4 से 16 साल की लड़कियों ने पुलिस को आपबीती सुनाते हुए अफसर को बताया कि उन्हें यातनाएं दी गईं। उनके कपड़े उतारवाकर लोहे के चिमटे से दागा गया। जबरन लाल मिर्च जलाकर धुएं में रखा गया और रेलिंग से उलटा लटका दिया गया। इस मामले में शिकायत पर इंदौर पुलिस ने अनाथालय के 4 स्टाफ सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष लड़कियों ने चौंकाने वाली घटनाओं के बारे में बताया था। सजा के नाम पर बच्चों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया जा रहा था। अधिकारी ने कहा कि 17 जनवरी की रात दर्ज की गई एफआईआर में लिखा गया है कि चार साल की बच्ची को गंदे कपड़े पहनने के कारण पीटा गया। कई घंटों तक बाथरूम में बंद रखा गया और दो दिनों तक खाना नहीं दिया गया।
13 जनवरी को इंदौर में वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित अनाथालय में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक टीम ने औचक निरीक्षण किया था। इसके बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ।अनाथालय की लड़कियों ने जब अधिकारियों को आपबीती सुनाई तो वे दंग रह गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट के चार स्टाफ सदस्यों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम और पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया है।
इंदौर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेंद्र सिंह ने बताया कि लड़कियों ने अपने बयान में उत्पीड़न की बातें बताई हैं। इसके आधार पर पुलिस ने वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट के चार कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान आयुषी, सुजाता, सुमन, आरती और बबली के रूप में की गई है।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि अनाथालय में रहने वाली लड़कियां अलग-अलग जिलों से हैं। निरीक्षण के दौरान पता चला कि इन लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। इस मामले की व्यापक जांच शुरू कर दी है। सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की गई है। मामले में आगे की जांच जारी है।
इंदौर में चल रहे इस अनाथालय को प्रशासन ने सील कर दिया है। यहां रहने वाली सभी बच्चियां मूल रूप से गुजरात और राजस्थान की बताईं जा रहीं हैं। पुलिस का कहना है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है। इस मामले में एनजीओ ने लगाए सभी आरोपों को निराधार बताया है।