नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूपपुर भाजपा जिला अध्यक्ष रामदास पुरी को जूते पहनाकर उनका संकल्प पूरा कराया है। रामदास पुरी ने पिछले 6 साल से कोई जूते चप्पल नहीं पहने थे। उन्होंने साल 2017-18 साल में संकल्प लिया था कि जब तक बीजेपी दोबारा सत्ता में नहीं आएगी तब तक वह जूते चप्पल नहीं पहनेंगे।शिवराज सिंह चौहान जब बीजेपी नेता को जूते पहनाने लगे तो वह भावुक हो गए और उनके पैर छुए। तब शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें गले से लगा लिया। दरअसल साल 2018 में बीजेपी चुनाव हारी तो रामदास पुरी ने एक संकल्प लिया। वो संकल्प था पार्टी में दोबारा सत्ता में आने तक नंगे पैर रहने का। चाहे सर्दी हो गर्मी हो या बरसात हो, रामदास 6 सालों तक नंगे पैर रहे। साल 2020 में बीजेपी सत्ता में आई जरूर लेकिन चुनाव जीतकर नहीं। ऐसे में रामदास पुरी ने अपना संकल्प जारी रखा और बीजेपी के चुनाव जीतने के बाद ही इसे पूरा किया। अब जब बीजेपी एक बार फिर सत्ता में आ गई है तो शिवराज सिंह चौहान ने खुद उनको जूते पहनाकर अपना संकल्प पूरा कराया।
रामदास पुरी जैसे कार्यकर्ता पार्टी की शक्ति और पूंजी हैं…
अनूपपुर के भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रामदास पुरी जी ने संकल्प लिया था कि जब तक प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, तब तक वे जूते चप्पल नहीं पहनेंगे।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गयी और उनका संकल्प पूरा होने पर हमने… pic.twitter.com/3Q50QThen3
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 23, 2023
शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, रामदास पुरी जैसे कार्यकर्ता पार्टी की शक्ति और पूंजी हैं।अनूपपुर के भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रामदास पुरी जी ने संकल्प लिया था कि जब तक प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, तब तक वे जूते चप्पल नहीं पहनेंगे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गयी और उनका संकल्प पूरा होने पर हमने उन्हें आज जूते धारण करवाये हैं।
उन्होंने आगे कहा, ऐसे समर्पित और कर्मठ कार्यकर्ता पर भाजपा को गर्व है और ऐसे ही कार्यकर्ता आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प को भी पूरा करके अपने देश को भी समृद्ध और विकसित बनाने में योगदान देंगे। मैं रामदास जी को प्रणाम करता हूं।
बता दें, मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी वे 163 सीटों पर जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस महज 66 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। इसके बाद बीजेपी ने उज्जैन दक्षिण से विधायक बने मोहन यादन को बतौर मुख्यमंत्री चुना था।