पाकिस्‍तान दो फाड़ होने के कगार पर, इन शहरों पर BLA का कब्जा; पाक के 45 जवान शहीद

टाइम बम पर बैठा पाकिस्तान! 70% बढ़ा आतंकवाद, बलूचिस्तान-खैबर पख्तूनख्वा में  विद्रोह.. टूट जाएगा जिन्ना का देश? | Pakistan Reports 70% Rise In Terrorism  Dissent Rise In ...

नई दिल्‍ली । पड़ोसी देश पाकिस्तान फिर से टूटने की कगार पर है। आशंका जताई जा रही है कि 1971 की ही तरह पाकिस्तान दो फाड़ हो सकता है और एक अलग देश बन सकता है। पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने सैन्य ठिकानों पर हमला बोला है और दावा किया है कि उसने माच और बोलन शहरों पर कब्जा कर लिया है।

BLA ने दावा किया है कि माच शहर में हुए हमलों में पाकिस्तानी सेना के 45 जवान मारे गए हैं, जबकि पीर गैब में 10 लोगों को ढेर किया है। हालांकि, पाकिस्तान ने किसी भी सैनिक के मारे जाने से इकार किया है।

शहर और इसके आसपास के इलाकों पर कब्जा कर लिया

द बलूचिस्तान पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने ‘ऑपरेशन दारा-ए-बोलन’ के तहत माच शहर और इसके आसपास के इलाकों पर कब्जा कर लिया है। इस व्यापक ऑपरेशन में बीएलए की विशिष्ट इकाइयां जैसे मजीद ब्रिगेड, फ़तेह स्क्वाड और स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशन स्क्वाड (STOS) शामिल है।

एक मीडिया बयान में, बीएलए के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने कहा कि STOS ने पाकिस्तानी बलों को रोकने के लिए लैंड माइन विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए क्षेत्र के चारों ओर सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर भी कब्जा कर लिया है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के लिए, फतेह दस्ते ने पुलिस स्टेशन और रेलवे स्टेशन सहित माच शहर में रणनीतिक स्थानों पर नियंत्रण कर लिया है।

पाक सेना के ठिकानों पर रॉकेट से कई हमले किए

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएलए के लड़ाकों ने पाक सेना के ठिकानों पर रॉकेट से कई हमले किए हैं। दूसरी तरफ ‘ऑपरेशन दारा-ए-बोलन’के दौरान चार बलूच कार्यकर्ताओं की भी मौत हुई है। ये चारों बीएलए के मजीद ब्रिगेड के फिदायीन थे। इस दौरान बीएलए ने बलूच युवाओं से संगठन में शामिल होने की अपील की है।

बता दें कि 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में इसी तरह मुक्ति संघर्ष वाहिनी ने पाक सेना के खिलाफ हमले बोल दिए थे। भारत ने उसमें मुक्ति संघर्ष वाहिनी का साथ दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और बांग्लादेश एक नए देश के रूप में आजाद हुआ था।