लाहौर। पड़ोसी देश पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर नए साल के मौके पर अपना आपा खोते नजर आए । सोमवार को लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान उन्होंने उन तत्वों की आलोचना की, जो बलूच प्रदर्शनकारियों के समर्थन की आड़ में सशस्त्र आतंकवादियों का समर्थन कर रहे थे। पीएम काकर के गुस्से का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 20 मिनट की पीसी में वह करीब 15 मिनट तक इसी मुद्दे पर अपनी भड़ास निकालते रह गए।
पीएम काकर ने जोर देकर कहा कि सरकार उन तत्वों को कभी स्वीकार नहीं करेगी, जो डॉक्टरों, वकीलों और शिक्षकों सहित बलूचिस्तान के लोगों की हत्या में शामिल आतंकवादियों और सशस्त्र आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं। पाक प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आई जब बलूच परिवारों ने “न्यायेतर हत्याओं” और जबरन गायब किए जाने के खिलाफ बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि कुछ दिनों पहले बलूच इस्लामाबाद में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए थे।
पाक पीएम ने मीडिया के एक वर्ग की आलोचना का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामाबाद में बलूच परिवारों के विरोध को गलत तरीके से और वास्तविकताओं के विपरीत चित्रित किया जा रहा है क्योंकि बलूच लोग राज्य के साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध नहीं है और प्रत्येक नागरिक को संवैधानिक सीमाओं के भीतर विरोध करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “पीड़ित परिवारों को अपने प्रियजनों के लिए विरोध करने का अधिकार है लेकिन अन्य लोग केवल आधारहीन आलोचना कर रहे हैं।”
हालाँकि, उन्होंने कहा कि राज्य उग्रवादियों और आतंकवादियों का समर्थन करने वाले और उनकी कहानी फैलाने वाले तत्वों को ऐसा करने की अनुमति नहीं देगा। प्रधान मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना करने वालों को जवाब देना उनका काम नहीं है। उन्होंने कहा, “जो लोग उनका (सशस्त्र उग्रवादियों) समर्थन करना चाहते हैं, उन्हें उन उग्रवादी संगठनों के खेमे में शामिल हो जाना चाहिए जो आतंकवाद को एक आंदोलन कहते हैं।”
काकर ने कहा कि जो लोग प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पानी की बौछारों के इस्तेमाल को लेकर मानवाधिकार का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि बलूचिस्तान में आम लोगों को कौन मार रहा है। उन्होंने पूछा, “पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सशस्त्र विद्रोह में कौन शामिल है? मुझे यकीन है कि अगर ये तथाकथित वकील बलूचिस्तान गए तो उन्हें भी मार दिया जाएगा लेकिन आप कृपया, जाएं और बीएलएफ या बीएलए में शामिल हों ताकि सब को पता चले कि आप कहां खड़े हैं।”
काकर ने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में आतंकवादियों को भारतीय जासूसी एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से धन मिल रहा है और वे बलूचिस्तान में लोगों की हत्या कर रहे हैं। कार्यवाहक प्रधान मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में लगभग 90,000 लोग मारे गए हैं लेकिन अब तक मुश्किल से नौ आरोपियों को ही दोषी ठहराया गया है। काकर ने कहा कि देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।