Budget 2024: पहले 1 फरवरी नहीं इतने तारीख को पेश होता था बजट…जानें मोदी सरकार में कैसे बदली यह परंपरा

Interim Budget 2024: Six key areas to look out for | Mint

नई दिल्‍ली । जनवरी (January)का महीना खत्म (month ends)होने वाला है और फरवरी की पहली तारीख को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman in Parliament)बजट 2024 पेश करेंगी. साल 2024 एक चुनावी (electoral)साल है. ऐसे में इस साल का बजट एक अंतरिम बजट होगा. अक्सर लोगों के मन में बजट को लेकर कई सवाल रहते हैं. इसमें से एक हैं कि बजट 1 फरवरी को क्यों पेश किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि पहले बजट फरवरी के पहले दिन नहीं बल्कि फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था. मगर मोदी सरकार ने बजट से जुड़ी इस पुरानी परंपरा को बदलते हुए बजट की तारीख एक फरवरी कर दी थी. हम आपको इसके पीछे के कारण के बारे में बता रहे हैं।

साल 2017 में बदली गई थी परंपरा

केंद्र सरकार हर साल नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले आगामी वित्त वर्ष के व्यय और राजस्व का ब्यौरा पेश करती है. इसके बाद सरकार इस बजट को संसद के दोनों सदनों से पास करवाती है. देश में बजट पेश करने की शुरुआत ब्रिटिश काल में ही 1860 में हुई थी. साल 2017 से पहले देश का बजट फरवरी के आखिरी महीने में पेश किया जाता था, लेकिन उस समय के तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट की 92 साल पुरानी परंपरा में बदलाव करते हुए इसे 1 फरवरी को पेश करने का फैसला किया था. इसके बाद से लेकर अब तक हर साल बजट 28 या 29 फरवरी के बजाय 1 फरवरी को पेश किया जाता है
क्यों हुआ बदलाव?

बजट की परंपरा में बदलाव करते हुए उस समय के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बजट को फरवरी के अंत में पेश करने से सरकार के पास इसे प्रभावी करने का वक्त नहीं मिलता है. नया नियम 1 अप्रैल से प्रभावी होता है. ऐसे में सरकार के पास इसके लिए ज्यादा वक्त हो, इस कारण बजट की तारीख को 28 फरवरी से बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया था।

अलग से रेलवे बजट नहीं होता है पेश

नरेंद्र मोदी सरकार में बजट की कई परंपरा में बदलाव हुआ था. इसमें रेलवे बजट भी शामिल है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के पहले तीन साल में अलग रेल बजट पेश होता था, लेकिन साल 2017 में इसे बंद कर दिया गया था. अब आम बजट के साथ ही रेलवे बजट भी पेश किया जाता है।