जय जगन्नाथ के जयकारों से गूंजा ‘कुलेथ’

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-भगवान जगन्नाथ के जयकारों से गूंजीं कुलेथ की गलियां, भक्ति में लीन होकर झूमे भक्त
-भगवान जगन्नाथ ने संत को दिया था स्वप्न, ऐसी है इस मंदिर की महिमा, लाखों की संख्या में आते है भक्त
ग्वालियर । अजयभारत न्यूज
ग्वालियर के गांव कुलैथ में भगवान जगन्नाथ के प्राचीन मंदिर के गुरुवार को सात दिन बाद पट खुलते ही जयकारों से मंदिर गूंज उठा। भगवान जगन्नाथ का शृंगार हुआ इसके बाद आरती व दर्शन हुए। रात को भगवान का परंपरानुसार अटकों (मटकों) में पके चावलों का भोग लगा जो अपने आप चार भागों में बंट गए। भोग के बाद भक्तों में प्रसादी का वितरण किया गया।
कुलैथ में भगवान जगन्नाथ का मंदिर करीब 150 साल पुराना है। यहां हर साल दो दिवसीय वार्षिक मेला व रथयात्रा का आयोजन किया जाता है।,,,, पुजारी किशोरी लाल ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा दो दिवसीय वार्षिक मेले के तहत आज शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भव्यता के साथ निकाली गई एवं विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया। यात्रा दोपहर तीन बजे मंदिर से शुरू प्रारंभ की गई जो गांव का भ्रमण कर कुलैथ में ही स्थित देवी मंदिर जनकपुरी मैं यात्रा का विश्राम रखा गया है जो 2 जुलाई शनिवार को को यात्रा वापस जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी यहां पर भी पाठकों का भोग लगाया जाएगा। इस दौरान भजन कीर्तन का कार्यक्रम निरंतर चलता रहेगा यात्रा में रथ पर भगवान विराजे जाएंगे तथा पालकी में उनकी बहन सुभद्रा और बलदाऊ जी भी साथ में विराजमान होंगे।
यह है मान्यता
संत सावलेदास जगन्नाथ जी के बड़े भक्त थे और बचपन से ही भगवान जगन्नाथ की अनन्य भक्ति के चलते उन्होंने कुलैथ ग्राम से उड़ीसा स्थित जगन्नाथपुरी तक की सात बार कनक दंडवत परिक्रमा की। मंदिर के पुजारी किशोरीलाल श्रीवास्तव के बेटे भानू श्रीवास्तव की मानें तो भगवान जगन्नाथ जी ने संत सावलेदास को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि वह कुलैथ ग्राम में मंदिर बनाएं। सांक नदी में चंदन की लकड़ी बहती हुई मिलेंगी उनसे मूर्ति की स्थापना करें।

 

 

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