ग्वालियर/मुरैना ।अजयभारत न्यूज
इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस पार्टी में बगावत का दौर जारी है. हालात ये हो चुके हैं कि ग्वालियर में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी के आलाकमान को इस्तीफा की धमकी देने लगे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अब अपने नेताओं को साधने में लगे हुए हैं. निकाय चुनाव के बीच और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है. कांग्रेस विधायक राकेश मावई ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. ये जानकारी उन्होंने अजयभारत से बात करते हुए दी.
उन्होंने बताया कि मुरैना में गुर्जर समाज को नगर निगम में टिकट नहीं मिलने से विधायक नाराज थे. उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को इस्तीफा भेज दिया है. विधायक ने दुख जताते हुए कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में गुर्जर समाज का इकलौता नेता हूं. अगर समाज के लिए काम नहीं कर सकता तो पद पर रहने का अधिकार नहीं है.
वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस विधायक राकेश मावई को फोन पर समझाया और उनसे बात की. इसके बाद वे अपने बात से पलट गए. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि मैंने कमलनाथ को पत्र लिखा था. उन्होंने कहा कि जो निकाय चुनाव में उम्मीदवारों की सूची है, वे वैसे ही रहेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, और इसके साथ ही कहा कि मेरे पास लगातार इस्तीफे की सूचना के फोन आ रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने कोई भी इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने आगे कहा जहां तक भाजपा में जाने का सवाल है, मैं बिल्कुल नहीं जाऊंगा.
ग्वालियर में श्रीनिवास गुर्जर नामक एक पार्टी कार्यकर्ता को वार्ड क्रमांक-1 से कांग्रेस का टिकट दिया गया था. बाद में स्थानीय विधायक के कहने पर कमलनाथ ने उसका टिकट कैंसिल करना चाहा, जिस पर राकेश मावई नाराज हो गए. उन्होंने कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि वे गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, और समाज को उनसे काफी अपेक्षाएं हैं, इसलिए उसका टिकट नहीं कटना चाहिए.
विधायक पत्र के जवाब का कर रहे इंतजार
विधायक मावई ने एक वीडियो जारी करके यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे कमलनाथ को लिखी चिट्ठी के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, और चिट्ठी का जवाब आने के बाद वे इस बात का खुलासा करेंगे कि वे आगे क्या ठोस कदम उठाएंगे. जाहिर है अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वे इस्तीफा देने जैसा कदम भी उठा सकते हैं. फिलहाल मामला शांत है और उनके अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है.
” कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की अवहेलना कर रही है, ग्वालियर में सिर्फ कांग्रेस का विधायक ही पार्टी को नहीं चलाएगा. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता है जो आपस में बैठकर हर चीज का निर्णय लेते हैं. मुरैना में पार्टी ने गुर्जर समाज को निकाय चुनाव में एक भी टिकट नहीं दिया. जबकि वार्ड क्रमांक 21 से गुर्जर समाज के कार्यकर्ता का टिकट फाइनल था, लेकिन वह भी कट गया है. मैं गुर्जर समाज से हूं और मैं अपने समाज की अवहेलना नहीं देख सकता, इसलिए मैंने ग्वालियर के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.”
-राकेश मावई, कांग्रेस विधायक
बीजेपी का विधायक के इस्तीफे से पलटने पर वार
अब इस मामले को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि ये बात बिल्कुल सही है कि बीती रात ग्वालियर के जिला अध्यक्ष और मुरैना के कांग्रेस विधायक ने कमलनाथ को इस्तीफा दिया था, लेकिन तत्काल किसी दबाव में या फिर कमलनाथ के महाराष्ट होने की वजह से इस्तीफा वापस लेने की बात कही है. आशीष अग्रवाल ने कहा कि जो जख्म है, वे छुपाने से छुपता नहीं है बल्कि नासूर बन जाता है, और इसका कारण है कि क्या ग्वालियर में विधायक ही अपनी पत्नी को महापौर बनाएगा और अपने चाहने वाले को पार्षद का टिकट बटेगा. जो कांग्रेस पार्टी के कर्तव्य निष्ठ नेता हैं, वे साइड लाइन हो जाएंगे, तो इससे विवाद थमेगा नहीं बढेगा.