शिवराज सरकार युवा नीति नहीं युवाओं की दुर्गति नीति बना रही है : डॉ. गोविंद सिंह

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-नेता प्रतिपक्ष ने शिवराज सरकार पर लगाए गंभीर आरोप और कहा कि प्रदेश में अबकी बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी और कमलनाथ हांंगे मुख्यमंत्री
ग्वालियर।अजयभारत न्यूज
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के गौरवमयी प्रजातंत्रीय इतिहास पर खरीद-फरोख्त की बदनुमा दाग लगाने वाली भाजपा की मौजूदा सरकार प्रदेश की युवा नीति घोषित करने जा रही है। यह नीति युवाओं की दुर्गति नीति साबित होगी। ऐसे में अब 18 साल भाजपा सरकार की युवाओं को लेकर नीति और नीयत का मूल्यांकन किया जाना बेहद जरूरी है।
डॉ. गोविंद सिंह ने गुरुवार को होटल सेंट्रल पार्क में आयोजित पत्रकार-वार्ता में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि सरकार की व्यापमं युवाओं के भविष्य को बेचने की नीति बना। पीएमटी फर्जीवाड़ा, 13 से अधिक सरकारी नौकरी की भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में 75 लाख से अधिक प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलावाड़ किया गया।
उन्होंने कहा कि सबसे शर्मनाक तथ्य यह है कि सरकार ने व्यापमं ने न सिर्फ युवाओं के भविष्य को लूटा बल्कि 10 वर्ष मे बेरोजगार युवाओं से 1 हजार 46 करोड़ रुपए फीस के नाम पर वसूल कर 455 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया। सरकार ने ही पटल पर रखी जानकारी में बताया कि उसने 106 विभिन्न प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं में 424 करोड़ 36 लाख करोड़ रुपए एक करोड़ 24 लाख आवेदकों से वसूले हैं।
सरकार ने स्वीकारा अपना पाप
डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ने विधानसभा में इस बात को स्वीकारा कि एक लाख12 हजार 470 बेरोजगार आवेदक रोजगार की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का वार युवाओं को आत्महत्याओं की मार साबित हो रहा है रहा है। एनसीआरबी के सोर्स के मुताबिक वर्ष 2004 समय से 2021 तक 10 हजार 298 बेरोजगार युवाओं ने आत्म हत्या की। जबकि 17 साल के कार्यकाल में कुल 17 हजार 326 छा़त्रों एवं बेरोजगारों ने मौत को गले लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उच्च शिक्षित युवा भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पटवारी के पद हो या फिर चपरासी और चौकीदार इनके लिए एक हजार पदों पर 10 लाख से अधिक आवेदन किए गए। इनमें अधिकांश उच्च शिक्षित, एमबीए, एमएससी, एमबीए, बीटेक वाले युवा थे। क्योंकि वे उच्च शिक्षा हासिल करने के बावजूद नौकरी की तलाश में चिंतित हैं।
प्रदेश में प्रति लाख आबादी पर मात्र 29 कॉलेज
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में 6 लाख 51 हजार 375 और कॉलेजों में 18 लाख 82 हजार 800 और स्टेंड आलोन इंस्टीट्यूट में 64 हजार 386 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यानी की 25 लाख से अधिक विद्यार्थी। जबकि शिक्षा की स्थिति यह है कि प्रदेश में प्रति लाख आबादी पर मात्र 29 कॉलेज हैं। जबकि तमिलनाडू में 40, तेलंगाना में 53, केरला में 50 कर्नाटका में 62 और आंधप्रदेश में 49 कालेज हैं। जबकि 15 माह की सरकार के दौरान कमलनाथ ने तय किया था कि प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थाओं में ई-क्लासेस शुरू किए जाएंगे। प्राथमिक तौर पर 200 कालेजों में इसकी शुरूआत निर्धारित की गई थी। लेकिन खरीद-फरोख्त वाली सरकार अपने हित साधने में लग गई।
ये रहे साथ
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रहे हैं। सरकार दुर्भावना के साथ काम रही है। कुछ नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। सीडी मामले में बोले कि सीडी मेरे पास है जिसे देखना है वो मेरे पास आ जाए। पत्रकार-वार्ता में जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह एवं संभागीय प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा भी मौजूद थे।

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